वैसे तो कैंची धाम नीम करौली बाबा (Kainchi Dham) को उत्तराखंड के साथ साथ विदेशी लोग भी बहुत अच्छे से जानते है बाबा नीम किंरौली महाराज का कैंची धाम आश्रम कुमाऊँ के नैनीताल से 20 किलोमीटर दूर नैनीताल-अल्मोड़ा रोड़ पर समुद्र तल से 1400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है । क्षिप्रा नाम की छोटी पहाडी नदी के किनारे...
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गणतंत्र दिवस के अलावा 26 जनवरी की कुछ ख़ास बाते ( More About 26 January in India)
Nikhil Joshi -
देश और दुनिया के इतिहास में २६ जनवरी कई कारणों से महत्वपूर्ण है, जिनमे से ये सभी प्रमुख है
26 जनवरी को पूरा भारत गणतंत्र दिवस ( Republic Day) मनाता है। इस दिन, भारत का संविधान लागू हुआ, इस अवसर पर, भारत इसे त्यौहार रूप में मनाता है। हालांकि इतिहास में भारत के लिए अन्य कारणों से भी 26 जनवरी...
गर्मियां शुरू होते ही उत्तराखंड के पहाड़ मौसमी फलों से लदना शुरू हो जाते है। काफल भी उन्हीं मौसमी फलों में से एक फल है। काफल स्वाद में बेसुमार लाल चटक रंग के ये फल रसदार होने के कारण स्थानीय लोगों और पर्यटकों को बहुत लुभाते है।
साथ में यह एक ऐसा फल है जिसे प्रकृति की दैन कहा जाता है...
घोड़ाखाल गोलू देवता (Goljyu Devta ) मंदिर में वैसे तो वर्ष भर भक्त पूजा पाठ के लिए आते है, लेकिन नवरात्रि में वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने पहुंचते हैं। उत्तराखंड में, इन्हे "गोलू देवता", "गोलजू महाराज" और न्याय देवता के रूप में पूजा जाता है। घोड़ाखाल मंदिर नैनीताल जिले के भवाली ( Bhowali ) से लगभग पाँच किलोमीटर की...
जो अच्छा नहीं था वो आज याद जाता हैं इंसान फितरत का यह सबसे उन्दा नमूना है जो बचपन में बिलकुल अच्छा नहीं लगता था आज उसी पल की तलाश करता हैं चाहे किसी का कितना ही बुरा बचपन गुजरा हो. लेकिन ऐसा कोई नहीं जिसे
अपने बचपन की याद न सताती हो अगर आप किसी व्यक्ति से पूछे की...
क्या है खुश रहने का राज़ – (Secret of Happiness In Hindi Motivational story)
एक समय की बात है, एक गाँव में महान ऋषि रहते थे। लोग अपनी समस्याएं उनके साथ लाते थे और ऋषि उनका मार्गदर्शन करते थे। एक दिन एक व्यक्ति ऋषि के पास आया और ऋषि से एक प्रश्न पूछा। उन्होंने ऋषि से पूछा, "गुरुदेव, मैं जानना...
Raksha Bandhan 2019- रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्यौहार है। श्रावण पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला रक्षाबंधन भारत के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, जिसे भारत के एक बड़े भू-भाग में मनाया जाता है।
वक़्त के साथ इस त्योहार में काफी बदलाव भी आए हैं, लेकिन इसकी मूलभावना आज भी बरकरार है। यह भाई और बहन के प्रेम...
हम सभी ने गरीब भिखारियों को दान दिया है। दान करना भी बहुत अच्छी आदत है। लेकिन यकीन मानिए इस कहानी में किसी जरूरतमंद की मदद करने का जो तरीका बताया गया है वह आपके दिल को जरूर छुएगी।
एक आदमी पैदल किसी रास्ते से जा रहा था। उसने देखा कि सामने एक बिजली के खंभे में कागज फंसा हुआ...
जागेश्वर मंदिर का इतिहास
"जागेश्वर धाम" उत्तराखंड के मुख्य देवस्थालो में से एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है।
यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा मंदिर समूह है। यह मंदिर देवदार के वन के बीच में कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उत्तराखंड के जागेश्वर को पांचवा धाम" भी कहा जाता है।
जागेश्वर मंदिर में 125 मंदिरों का एक...
उत्तराखंड जिसे देवभूमि भी कहा जाता है यहा अनेक देवी देवताओ का निवास स्थान है जिसमे से एक है हमारे भूमिया देव . भूमिया देवता (Bhumiya devta) को भूमि का रक्षक देवता माना जाता है.
देवभूमि उत्तराखण्ड में भूमिया देवता (Bhumiya devta) के मंदिर हर गाँव में हुआ करते हैं. जिसकी वजह से इन्हें गाँव का क्षेत्रपाल भी कहा जाता...
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